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रोज़ा रखने से covid 19 के ख़तरे के बारे में कोई अध्ययन नहीं____विश्व स्वास्थ्य संगठन

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रमजान के बारे में 15 अप्रैल को एक गाइड लाइन जारी की है जिसमें रोजेदारों के लिए बहुत से सुझाव पेश किए हैं।

सोशल डिस्टनसिंग पर सुझाव देते हुए संगठन ने कहा है कि दो लोगों के बीच कम से कम 1 मीटर (3 फीट )की दूरी होनी चाहिए, दुआ सलाम इस तरह किया जाए जिससे शारीरिक संपर्क न हो,एक जगह बहुत लोग एकत्रित न हों।

Covid-19 के लिए ज्यादा जोखिम वाले लोगों के लिए कहा है कि जो लोग अस्वस्थ या कोविड-19 का कोई लक्षण महसूस करें वह हर तरह के इवेंट से दूर रहें, बुजुर्ग और  पहले ही से हृदय रोग, मधुमेह, पुराने श्वसन रोग और कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हों, वह सभाओं में जाने से बचें, क्योंकि इनको कोविड-19 से ज्यादा खतरा होता है।

सभाओं के आयोजन के बारे में  कहा है कि सभाओं को खुले में रखे, अगर संभव हो वरना ऐसी जगह जहां कायदे से वायु संचार हो सके, और जितनी जल्दी हो सके सभा को खत्म किया जाए।

 लोगों को पौष्टिक भोजन खाना चाहिए और हर किसी को हर समय खुद को हाइड्रेटेड रखना भी जरूरी है. जो लोग इस दौरान रोजा रख रहे हैं उन्हें ताजा खाना और पेय पदार्थ लेने के निर्देश दिए गए हैं. ज्यादा धूम्रपान करने वालों के लिए भी इस दौरान खतरा है. ऐसे में उन्हें भी तम्बाकू का सेवन न करने के निर्देश दिया है।
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इनके अलावा सफाई सुथराई पर बात करते हुए  वजू की तारीफ की, उस ने कहा कि हर मुसलमान नमाज अदा करने के लिए वजू करता है जिस से  सेहत में मदद मिलती है।

 विश्व स्वास्थ संगठन ने और बहुत सी बातें कही है, सबसे अहम बात जो उसने कही है कि क्या रोजा रखने से कोविड-19 का खतरा बढ़ जाता है या नहीं ?

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इस पर कोई अध्ययन नहीं, स्वस्थ लोग इस रमजान में भी रोजा रख सकते हैं जैसे पहले रखते थे लेकिन जिसको  कोविड 19 हो जाए, उनके पास डॉक्टरों की सलाह पर रोजा न रखने की धार्मिक छूट है, जिस तरह दूसरी बीमारियों में ।


विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन



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