Fact Checked by : Ghulam Sayed Ali/ ग़ुलाम सैयद अली
एक तस्वीर जिसमें एक आदमी का सर धड़ से कटकर दूर पड़ा है । एक औरत उसके शरीर से लिपटी हुई है। चारों तरफ खून ही खून है, बड़ी भयानक तस्वीर है। तस्वीर के साथ एक मैसेज भी है:
" सुमेरपुर में मुसलमानों ने अपने हिंदू भाई को तलवार से मार डाला, भाइयों यह मैसेज नरेंद्र मोदी व हर ग्रुप में फैला दो आपको भारत माता की सौगंध है।"
तस्वीर के नीचे यह भी लिखा हुआ है कि "हिंदू के नाम पर कलंक है जो इस पोस्ट को शेयर नहीं करें।"
मैंने यह तस्वीर बहुत बार देखा है । सब जानते हैैं कि इस तरह का काम असमाजिक तत्वों का होता है। या आई टी सेल वालों की कारस्तानी होती है, जिनको नफरत फैलाने का वेतन मिलता है, लेकिन यह तस्वीर मेरे गांव के एक ग्रुप में आई, ग्रुप एडमिन ने तुरंत एक्शन लेते हुए पोस्ट करने वाले को ग्रुप से बाहर कर दिया। जो बड़ा अच्छा सराहनीय क़दम है, लेकिन तस्वीर के बारे में यह बात तो हुई कि तस्वीर पुरानी है, लेकिन यह बात नहीं हुई कि झूठी है। इसलिए मैंने सोचा कि इसकी पड़ताल करनी चाहिए।
सबसे पहले मैंने फोटो का गूगल रिवर्स सर्च किया । तो इससे संबंधित कई पोस्टस और ट्वीट्स मिले।
1_ बिल्कुल इसी तरह का पोस्ट शेयर चाट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 2018 में एक यूजर ने किया था, इस से इतना साबित हो गया की यह मैसेज बहुत दिनों से चल रहा है।
2_ सोशल मीडिया न्यूज़ नेटवर्क तेेज़ के Dr. Binu Varghese का 11 अप्रैल 2020 का एक ट्वीट है जिसमें उन्होंने अक्षय नाम के एक व्हाट्सएप यूजर द्वारा "धर्म आनंद दिधे साहब" नामक व्हाट्सएप ग्रुप में किए गए इसी फोटो वाले मैसेेज के स्क्रीन शार्ट के साथ एकनाथ शिंदे ,नगर विकास मंत्री, महाराष्ट्र । डीजीपी महाराष्ट्र और थाने पुलिस को टैग करते हुए रिपोर्ट किया:
अक्षय के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप में हिंदू मुस्लिम के बीच धार्मिक नफरत पैदा करने के लिए भड़काऊ मैसेज फैलाने की बहुत शिकायतें मिल रही हैं, इस तरह के नफरत वाले मैसेज सीरियस लॉ आर्डर की स्थिति पैदा कर सकते हैं"
3_गूगल पर कीवर्ड्स सर्च करने पर इस तरह की कोई खबर नहीं मिली बल्कि इस तरह की खबरें सब झूठ निकली, और अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने उनके फैलाने वालों के खिलाफ एक्शन भी लिया था
गूगल इमेज सर्च में फोटो को सर्च करने पर यह नतीजा मिला कि यह इमेज विसुअल आर्ट हो सकता है यानी सिर्फ कंप्यूटर का कमाल और झूठ.
यह भी पढ़ें कुछ यादें कुछ बातें।।
4 . नवभारत टाइम ने सुमेरपुर के नाम से परोसी जा रही झूठी तस्वीरों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की है, अख़बार ने पाया है कि तमाम तस्वीरें भ्रामक और गुमराह करने वाली हैं , हक़ीक़त से उनका कुछ लेना देना नहीं, (रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
इसलिए भड़काऊ मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले एक बार जांच लें ताकि किसी मुश्किल में ना फंसे क्योंकि एक क्लिक में अफवाह अगर फॉरवर्ड हो सकता है तो एक ही क्लिक में पुलिस को रिपोर्ट भी हो सकता है।
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